
दिल्ली से चंदन की रिपोर्ट – दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के जाने के बाद अब अरविंद केजरीवाल के सामने एक और चिंता उत्पन्न हो गई है। अब दिल्ली नगर निगम (MCD) में भी ‘आप’ के शासन को खतरा उत्पन्न हो गया है। शनिवार को तीन पार्षदों के भाजपा में शामिल होने के बाद ‘आप’ और भाजपा के पार्षदों की संख्या बराबर हो गई है। शीघ्र ही 11 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, जिनके परिणाम यह निर्धारित करेंगे कि एमसीडी में ‘आप’ का शासन कायम रहेगा या फिर दिल्ली में भाजपा की ‘ट्रिपल इंजन’ सरकार का उदय होगा।
यहां शब्द वही हैं, लेकिन उनके संदर्भ और अर्थ को थोड़ा भिन्न तरीके से व्यक्त किया गया है।
MCD का पूरा रूप है “दिल्ली नगर निगम”। इसे हिंदी में आमतौर पर “दिल्ली महानगर निगम” भी कहा जाता है। यह दिल्ली शहर का प्रशासनिक निकाय है, जो नगर निगम से संबंधित कार्यों, जैसे सफाई, जल आपूर्ति, निर्माण, और अन्य स्थानीय सेवाओं का संचालन करता है। MCD के तहत विभिन्न वार्ड आते हैं, और यहाँ के पार्षद स्थानीय स्तर पर जनता की समस्याओं का समाधान करते हैं।